Story of Sai Baba Shirdi in Hindi : शिरडी में आने और चमत्कारों की सच्ची कहानी
Story of Sai Baba Shirdi in Hindi :जय साई राम ! साई बाबा को कौन नहीं जनता। बाबा इस कलयुग में चमकार का दिव्या स्वरुप हैं। साई बाबा अपने भक्तों के कष्टों को सुनते और उनका जल्दी से निवारण कर देते हैं चाहिए तो बस दिल से सच्ची श्रद्धा और बाबा पर विश्वास।
आज इस कहानी में हम बात करेंगे के कैसे साई बाबा शिरडी में रहते थे और भिक्षा मांग कर अपना गुजरा करते थे। कई वर्षो पहले एक सुबह शिरडी का भाग्य खुल गया जिस दिन गाओं के लोगो ने एक बड़े से नीम के पेड़ के निचे एक 16 वर्ष के बालक को ध्यान मगन बैठे देखा। उस बालक के चेहरे पर बहुत ही बड़ा दिव्य तेज था। आंखें बंद कर भगवन के ध्यान में मगन उस बालक को देख कर सब हैरान थे की इतनी छोटी सी आयु में कोई ऐसा दिव्या कैसे हो सकता है।
Sai baba ने दिए पहली बार शिरडी गाओं में darshan।
उस दिन के बाद से बाबा सभी गाओं वालो को वही उस बड़े से नीम के पेड़ के निचे ही समाधी लगाए दीखते थे और सबने उनको बाबा कहना शुरू कर दिया। चाहे जितना मर्जी बड़े से बड़े आंधी तुफान आये पर बाबा को उससे कोई फरक नहीं पड़ता था बाबा बस वही बैठे अपनी तपस्या में लींन रहते थे।
जहाँ साई बाबा समाधी लगा कर बैठते थे वहां कच समय के बाद घास पौधे उगने लग गए और जो के बाबा को स्पर्श करते थे। ये देख कर गाओं के लोग सोचने लगे क कितने भाग्यशाली है ये पेड़ पौधे जो के बाबा को स्पर्श कर रहे हैं।
साई बाबा Baija माई को समझने लगे अपनी माँ सामान और वो भी Sai Baba से अपने पुत्र सामान ही करने लगी थी प्रेम।
शिरडी में ही एक Baija Mai नामक महिला रहती थी जो के साई बाबा को अपना पुत्र सामान मानती थी और उसी तरह से उनका ख्याल रखती थी। वो रोज साई बाबा के लिए खाना बना कर लेके जाया करती थी अपने बचे के सामान उनको Baija Mai रखती थी और साई बाबा भी उनको अपनी माता के सामान ही प्रेम किया करते थे। कभी अगर Baija माई को साई बाबा नीम के पेड़ के निचे नहीं दीखते थे तो हो बहुत परेशान हो जाती थी और उनको ढूंढ़ने के लिए जंगल में नंगे पॉव ही निकल जाती थी। सुबह से शाम हो जाती थी और Baija माँ से बाबा को ढूंढ कर ही वापिस गाओं लौटती थी। गाओं वालो को माँ बेटे का ये अतुलिये प्रेम देख कर भाव विभोर हो जाते थे।
इस वजह से Sai Baba ने चुना द्वारका माई को अपना घर।
फिर एक दिन साई बाबा ने सोचा क मेरी माता को बहुत परेशानी होती है जब वो उनको मिलते नहीं है तो इस वजह से साई बाबा ने अपने रहने के लिए एक जगह का चुआव किया और वो उससे द्वारका माई के नाम से बुलाते थे। रोज सुबह शाम वहां पर आरतियां होती थी। भगवन का सुमिरन किया जाता था। भजन कीर्तन किया जाता था और हर गुरुवार को साई बाबा खुद अपने हाथो से खिचड़ी बना कर वहां आये गाओं वालो को प्रशाद के रूप में खिलाया करते थे।
Story of Sai Baba Shirdi in Hindi:- साई बाबा का चमत्कार ऐसा था जो गाओं वालो ने देखा वहां के वो बनती खिचड़ी में हाथ डाल देते थे और उनको अग्नि कुछ भी नहीं करती थी। ऐसे बहुत बड़े बड़े चमत्कार श्री Shirdi साई बाबा ने dikhaye हैं जिनका उल्लेख अभी इस पोस्ट में करना संभव नहीं होगा। दूर दूर से दुनिया आती थी साई बाबा के पास अपने किस्तों को लेकर और बाबा सिर्फ अपने छूने से ही उनके दुख तकलीफ दूर कर दिया करते थे। साई बाबा कब क्या सोचते और करते थे ये कोई भी नहीं जनता था। बस ये पता था सबको के साई बाबा एक ब्रह्म ज्ञानी है और वो परमेशर का ही एक स्वरुप है।
बाबा अपने खाने का इंतजाम सिर्फ तीन घरो में ही भिक्षा मांग कर करते थे। अगर कभी कोई चौथा घर से उनको भिक्षा मिलती थी भी तो वो उससे लेने से inkaar कर देते थे बाबा कहते थे क जितना उनके लिए पर्याप्त है उतना ही वो मांगते है। जब भी भिक्षा मांग कर साई बाबा खाने बैठते थे तो उनके भोजन पात्र में से कुत्ते बिल्लियां भी खाना खा जाया करते थे। बाबा कहते थे के इनके भाग्य का ये खुद आकर मुझसे ले जाते हैं और मुझे बहुत अच्छा लगता है के ये पशु पक्षियां भी मेरे साथ भोजन करने आ जाते हैं। साई बाबा को जानवरो पक्षियों और पेड़ पौधों से बहुत ज्यादा प्यार था और वो उन सबको अपने सामान ही समझते और उनसे बातें किया करते थे।
साई बाबा का नियम था के वो सारे दिन में सिर्फ तीन ही घरो से भिक्षा मांग कर कहते थे पर कई बार वो भी उनको पूरा नसीब नहीं होता था जाने के क्यों ?
साई बाबा हमेशा सिर्फ दो ही चीजें अपने भक्तो को कहा करते थे जिससे मेरे हिसाब से हमें आज भी अपने जीवन में इस्तेमाल करना चाइये। बाबा दो शब्द हमेशा बोलते थे “श्रद्धा” “सबुरी”। श्रद्धा मतलब के अपने ईश्वर पर विश्वास रखो जब भी किसी मुसीबत में आप खुद को घिरा पायें तो क्युकी वो अवश्य आएंगे आपकी सहायता करने यदि आपका विश्वास अडिग है तो। और दूसरा शब्द है सबुरी मतलब सबर रख अगर कभी भी किसी मुसीबत में खुद को घिरा पाए तो। हम आज तक सुनते आये हैं क भगवन के घर में देर है अंधेर नहीं। यही साई बाबा भी बोलते आये हैं। हमें उनकी बातों का अनुसरण करना चाहिए। यकीन मानना जीवन सुखमये हो जाएगा।
जो जो लोग साई बाबा के साथ जुड़े रहे उनके साथ खड़े रहे हैं वो सब अपने जीवन में अपार भाग्यशाली हुए हैं और साई बाबा के अनेको आशीर्वाद लेकर अपने जीवन को वो धन्य कर गए।
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