Story in Hindi with Moral :एक युवक जिसने स्वयंवर जीत विवाह से किया इंकार

Share it with Your Friends

Story in Hindi with Moral: विक्रमादित्य जादूगर के कहने के अनुसार बेताल को काबू कर अपनी पीठ पर लाद कर जंगल से गुजर रहे थे और रास्ता लम्बा होने की वजह से बेताल ने राजा विक्रमादित्य को एक ऐसे युवक की कहानी सुननी शुरू की जिसने एक सुन्दर राज कुमारी से विवाह करने से साफ़ इंकार कर दिया था।

एक बार की बात है काशीपुर नामक एक राज्य में कमल नाम का एक युवक रहता था।  वो ढंग से चलने में असमर्थ था क्युकी वो अपनी टैंगो में विकलांगता से ग्रस्त था। जिसकी वजह से वो साधारण मनुष्यो की तरह चलने फिरने और दौड़ने में असमर्थ था।  बचपन में ही उसकी माता एक गंभीर बीमारी के कारण उससे छोड़ कर भगवान् के पास चली गई थी। 

Moral: शारीरिक कमजोरी से कोई व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत हो सकता है।

कमल के पिता ने अपनी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह कर लिया था।  कमल की सौतेली माँ उससे बिलकुल भी नहीं पसंद करती थी और उसकी विकलांगता का मजाक बनाती थी और हर एक बार पर उसकी आलोचना किया करती थी।

जिसकी वजह से कमल बहुत ही दुखी रहता था और सोचता था क काश भगवान ने उससे ऐसा न पैदा किया होगा और वो भी दूसरे बचो की तरह चल फिर पाटा।

वर्त्तमान में एक बार उस देश के राजा ने एलान किया के वो अपनी बेटी और उस देश की राज कुमार इंदुमती के लिए विवाह स्वयंवर करने जा रहे हैं जिसमे राज कुमारी इंदुमती द्वारा एक प्रतियोगिता राखी जाएगी जिसमे जो कोई वीर विजेता बनेगा उसी से ही राज कुमारी इंदुमती विवाह करेगी। 

ये एलान सुनते ही दूर दूर के राज कुमार वहां पहुंचने लगे और स्वयंवर के वक़्त वहां पर पूरा गाओं एकत्रित हुआ।  उस वक़्त ये स्वयंवर देखने के लिए कमल भी वहां मौजूद था।

प्रतियोगिता थी के अपने पैरो पर बैलेंस बनाते हुए एक लकड़ी के टुकड़े पर कुछ दूर तक चलना होगा और आस पास तेज धार की दो तलवारें लटक रही होंगी खुद को उससे भी बचाना होगा।  कई राज कुमारो ने इस मुकाबले में हिस्सा लिया पर वो उससे पूरा न कर पाए और निचे गिरते चले गए। 

ये देख राजा ने एलान किया के क्या कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है यहाँ जो इससे मुकाबले को जीत कर अपनी प्रतिभा दिखा सके हमें।

Moral: असामर्थ्य एक व्यक्ति को उसके सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकता।

ये सुनकर कमल आगे आया और राजा से इस मुकाबले में हिस्सा लेने का आग्रह करने लगा।  राजा ने कमल को को और सोच में पद गए के स्वस्थ शरीर वाले राज कुमार इससे नहीं कर सके तो ये विकलांग कैसे कर पायेगा और दूसरी तरफ ये सोचा के अगर ये किसी तरह से मुकाबला जीत भी गया तो उनको अपनी बेटी का विवाह एक विकलांग इंसान से करना होगा। 

फिर भी हिचकिचाते हुए राजा ने कमल को प्रतियोगिता में भाग लेने की इजाजत दे दी।  और कमल ने खुद पर विश्वास रखा और प्रतियोगी को जीत कर वहां बैठे सभी लोगो को आश्चर्य चकित कर दिया।  शर्त के हिसाब से राज कुमार इंदुमती कमल से शादी करने के लिए तैयार हो गयी पर जैसे ही वरमाला लेकर राज कुमारी इंदुमती कमल के सामने गयी तो कमल ने दोनों हाथ जोड़ कर इस विवाह के प्रस्ताव को इंकार कर दिया और वहां से चला गया।

Story in hindi with moral: अब बेताल ने विक्रादित्य से प्रश्न किया के “बताओ विक्रम अगर कमल को राज कुमारी से शादी ही नहीं करनी थी तो उसने फिर मुकाबले में हिस्सा क्यों लिया और क्यों उससे जीता? बताओ विक्रम वर्ण में तुम्हारे सर के टुकड़े टुकड़े कर दूंगा। “

विक्रमादित्य ने जवाब दिया के ” कमल जीवन में बहुत उदास था क्योंकि बचपन से ही उसकी सौतेली माता ने उसकी विकलांगता के लिए उसका मजाक उड़ाती आये थी और ये जताती आये थी क विकलांग होने की वजह से वो अपने जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकता हमेशा दूसरों पर ही आश्रित रहेग।  ये बात कही न कही कमल को अंडर ही अंडर खाती रहती थी और जब स्वयंवर में उससे मौका मिला तो उसने सबके सामने वो मुकाबला जीत कर सबको ये साबित कर दिया के इंसान मानसिक रूप से विकलांग होता है न के शारीरिक रूप से।

और कमल ने राज कुमारी से विवाह करने से इसलिए इंकार कर दिया क्युकी वो जनता था के वो राज कुमारी से शादी कर के राजा के रूप में उस देश की रक्षा दुश्मनो से नहीं कर सकेगा जिसकी वजह से देश को भी खतरा हो सकता है।”

Moral: दूसरों की आलोचना करने से पहले, हमें उनके अंदर छुपी ताकत और संघर्ष को समझना चाहिए।

ये उत्तर सुनते ही बेताल बहुत जोर जोर से हसने लगा और विक्रमादित्य के कंधे से उड़द कर वापिस बरगढ़ के पेड़ पर जाकर उल्टा लटक गया।

दोस्तों उम्मीद है के ये hindi story आपको पसंद आये होगी ऐसे ही अपना प्यार हमें देते रहिये और ब्लॉग पर अन्य कहानियो को पढ़ने की कृपा करिये।  धन्यवाद्।

यह भी पढ़िए: Hindi Story of Vikram Betal : असली पिता कौन ?

Popular Search Terms related to this post:

hindi story in hindi,
story in hindi with moral,
childeren’s stories in hindi,
moral stories in hindi,
amazing story in hindi,
bedtime story in hindi,
very short story in hindi,
hindi stories for kids with moral


Share it with Your Friends

Satish Sharma

Author: Myself Satish Sharma, owner of technoupaaye.com blog. My Main objective is to provide you useful information through my blogs. For More Details Please visit "Authors Detail" Page.

Leave a Reply

Your email address will not be published.