Moral Stories for Children in Hindi: कछुए की बुद्धिमानी

Share it with Your Friends

Moral Stories for Children in Hindi: एक बार एक जंगल की बात है एक दरबार चल रहा था जहाँ पर जंगल का राजा शेर राजा जी सिहासन पर विराजमान होकर अपने दरबार के मंत्रियो को सम्भोधित कर रहा था।  दरबार में problem जो डिसकस हो रही थी वो थी के जंगल में पानी की कमी होने के आसार बन रहे हैं और अगर ऐसा हो गया तो जंगल के सभी जीव जंतु प्यास से मर जायेंगे तो ऐसे में क्या करना चाहिए।

Moral : साझा जिम्मेदारी: समस्याओं को हल करने के लिए सभी मिलकर काम करें।

आने वाले टाइम में पानी की कमी होगी इस बात पर बैठक में बैठ कर राजा शेर ने अपने मंत्रियो जो के बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, सियार, कछुआ से कर रहा था।  सबसे सलाह मश्वरा करने के बाद शेर राजा ने ये decide किया के तालाब के पानी को कही रोक कर जमा कर दिया जाए। पर इस फैसले पर जहाँ पर सारे जंगल के जानवर राज़ी थी वही पर एक बड़ी सी शैतान लोमड़ी को आपत्ति थी और उसने किसी भी काम में हाथ बटाने से इंकार कर दिया। अगले दिन से पानी को save करने का काम जंगल में शुरू हो गया। पर लोमड़ी ने जरा भी मदद नहीं की उनकी और उनके काम में रुकावटें डालती रही उनको तंग करती रही।

जब अगली गर्मियां आयी तो तालाब को पानी से भरा देख कर सभी जानवर बहुत खुश हुए और फिर सभी जानवर वहाँ से पानी पीने लगे और वही पर नहाने लगे।

एक दिन शेर राजा का एक मंत्री भेड़िया तालाब से पानी पी रहा था तो उसने देखा के चुपके से वहाँ वही चालाक लोमड़ी आयी और तालाब में घुस कर पानी पीने लगी और फिर वही वो खुद मजे से नहाई। भेड़िये ने ये देखा और उसको गुस्सा आया के काम के टाइम पर इस लोमड़ी ने जरा भी हमारा हाथ नहीं बताया और अब आके उसी तालाब में मजे से नहाने लगी है वो भी सबसे चोरी चुपके , इस बात का पता तो राजा को चलना ही चाइये।  ये मामला शेर राजा के दरबार में पंहुचा और मंत्रियो की बैठक बिठाई गई।

Moral: सहयोग का महत्व: अकेले नहीं, साथ मिलकर हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।

शेर राजा ने अपने मंत्रियो से कहा के क्या रास्ता है ? कैसे उस लोमड़ी को वहाँ आने से रोका जाए और कैसे उससे पकड़ कर सजा दी जाए और उसके बाद शेर राजा ने सबके बीच में पूछा के तुम लोगो में से कौन है जो उस लोमड़ी को पकड़ सकता है ?

राजा की ये बात सुन कर उसके मंत्री बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, सियार, सोच में पढ़ जाते हैं तभी उनके बीच में से कछुआ आगे आकर कहता है के महाराज मैं लोमड़ी को पकड़ के आपके पास ला सकता हूँ।  कछुवे की ये बात सुनकर वहाँ खड़े सभी जानवर जोर जोर से हसने लगते हैं के भेड़िये सियार चीते जैसे जानवर ये काम करने को आगे नहीं आ रहे हैं उससे ये छोटा सा कमजोर कछुवा करने को तैयार हुआ है।

लकिन ये देख कर शेर राजा सबको चुप करवाते हैं और कहते हैं के मैं कछुवे की हिम्मत की दात देता हूँ के जहाँ पर जंगल के बड़े बड़े जानवर पीछे हैं उस काम को करने के ये ये कछुवा तैयार हो गया।  ये सफल होता है या नहीं मैं नहीं जनता पर मुझे कछुवे पर पूरा भरोसा है के ये अपना वचन जरूर पूरा करेगा।  और ये बात कह कर राजा ने कछुवे से उसका प्लान सुना और उससे अपने mission पर जाने की इजाजत दी और कछुवा वहाँ से चला गया।

Moral: छल-कपट के नकारात्मक परिणाम: छल-कपट से किसी अन्य को हानि पहुंचाने की कोशिश करने पर नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

अगले दिन लोमड़ी फिर से चुपके से वहाँ पानी पीने और सनान करने आयी और जैसे ही लोमड़ी ने पानी के भीतर अपने कदम रखे तो उससे ऐसा महसूस हुआ के कुछ गड़बड़ है।  लोमड़ी ने अपने पाँव पानी से बहार निकलने की कोशिश की पर निकल नहीं सकी क्युकी उसके पाऊं

कछुए के पीठ पर लगे एक गोन्ध (Sticky Gum ) से चिपक गये थे।  अचानक लोमड़ी को एहसास हो गया कि वह एक जाल में फंस गई है।

Moral Stories for Children in Hindi: कछुआ धीरे धीरे हिला और पानी के अंदर से अपना सर बाहर निकला तो लोमड़ी ये देख कर हैरान हो गई के वो कछुवा है जिसकी पीठ पर उसके अगले पाँव चिपक गए है।  लोमड़ी ने कछुवे को धमकी दी की अगर उसने उससे आज़ाद न किया तो वो अपने पीछे पाऊं से उसका सर कुचल देगी।

“तुम जो चाहती हो वैसा कर सकती हो मगर मई तुम्हे अब नहीं जाने दे सकता” कछुवे ने मुस्कुराते हुए कहा।

लोमड़ी ने अपने पिछले पैरों से कछुवे के सर को कुचलने की कोशिश की और तभी उसके पीछे पाँव भी कछुवे की पीठ पर लगी गोन्ध से चिपक गए।  लज्जित और क्रोधित होकर लोमड़ी अपने हालत को भूल गई और घूम कर कछुवे के सर को काटने की कोशिश करने लगी।  ऐसा करते हुए लोमड़ी का पूरा शरीर निचे झुका और निचे की तरफ से उसका शरीर अब कछुवे की पीठ से चिपक गया और वो निचे गिर गई और जोर जोर से चिल्लाने लगी के “मुझे छोड़ो मुझे छोड़ो”। 

ये खबर बड़ी तेजी से पुरे जंगल में फ़ैल गई।  कछुवा धीरे धीरे पानी से बहार आया और लोमड़ी उसके ऊपर के खोल से चिपकी हुई थी ।  ये देख वहाँ मौजूद हर एक जानवर ने लोमड़ी को फ़साने के लिए कछुवे की तारीफ की जिसने अपनी शरीर की बजाये अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर के खुद से ३ गुना बड़ी लोमड़ी को पकड़ लिया।

Moral: छोटी चीजों का महत्व: कभी-कभी छोटी चीजें बड़े परिवर्तन ला सकती हैं।

लोमड़ी को शेर राजा के दरबार में पेश किया गया और उससे सजा दी गई के लोमड़ी को जंगल से हमेशा के लिए निकल दिया गया और उसके बाड़ी बाकी सभी जानवर प्यार से मिलजुल कर रहने लगे और कछुवे को दरबार में एक बड़ा औधा दिया गया और वो शेर राजा का मुख्या सलाहकार बन गया |

ये भी पढ़िए : Story in Hindi Short – प्यार का अहसास: एक सच्ची कहानी!

Popular Search Terms:

Moral Stories for Children in Hindi

Best short moral stories

Story for Kids in hindi

Stories in hindi with moral for kids

Story in hindi

Story for kids in hindi


Share it with Your Friends

Satish Sharma

Author: Myself Satish Sharma, owner of technoupaaye.com blog. My Main objective is to provide you useful information through my blogs. For More Details Please visit "Authors Detail" Page.

Leave a Reply

Your email address will not be published.